



चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन
चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय पामगढ़ में पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महाविद्यालय के रासेयो इकाई के तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना” पर विस्तृत चर्चा गई। कार्यक्रम का प्रारंभ माता सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की गई।। कार्यक्रम के प्रारंभ में रासेयो प्रभारी संजय बघेल द्वारा वक्ताओं का परिचय देते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया गया। संगोष्ठी में सभा को संबोधित करते हुए संस्था के संचालक वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। उन्होंने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की दिशा में संस्थान की पहलों पर प्रकाश डालते हुए परिसर के भीतर संधारणीय अभ्यासों को अपनाने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वी. के. गुप्ता ने शैक्षणिक पाठ्यक्रम में पर्यावरण विषयों के एकीकरण पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों में पर्यावरण चेतना को बढ़ावा देने और उन्हें जिम्मेदार वैश्विक नागरिक बनने के लिए तैयार करने में शिक्षा की भूमिका पर बल दिया। आईक्यूएसी समन्वयक श्री विवेक जोगलेकर ने ग्रीन कैंपस पहलों को बढ़ावा देने में आईक्यूएसी के प्रयासों पर विस्तार से बताया। उन्होंने संस्थागत संचालन में पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए किए गए गुणवत्ता वृद्धि कारक उपायों पर विचार साझा किए। वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. अशोक सिंह यादव ने वर्तमान पर्यावरणीय चुनौतियों और संरक्षण प्रयासों में व्यक्तिगत जिम्मेदारी के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने अकादमिक समुदाय से पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने वाले शोध और परियोजनाओं में शामिल होने का आग्रह किया। वनस्पतिशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. वीणापाणि दुबे ने जैव विविधता के महत्व और प्राकृतिक आवासों की रक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों से पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपने समुदायों में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। इस अवसर पर छात्रों को पर्यावरण संरक्षण से संबंधित विषयों पर अपनी रचनात्मकता व्यक्त करने के लिए आमंत्रित करते हुए एक चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में छात्रों ने अपनी कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया और प्रकृति को संरक्षित करने के महत्व के बारे में प्रभावपूर्ण संदेश दिए।कलाकृतियों को परिसर के प्रदर्शनी हॉल में प्रदर्शित किया गया, जिसकी उपस्थित लोगों और निर्णायकों दोनों ने सराहना की। इस अवसर पर महाविद्यालय परिसर में फलदार पौधे भी रोपे गए।कार्यक्रम का संचालन रसायनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक ऋषभ देव पाण्डेय एवं आभार प्रदर्शन जंतु विज्ञान की सहायक प्राध्यापक सुश्री भगवती साहू ने किया। संगोष्ठी हेतु तकनीकी सहयोग कंप्यूटर विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक धनेश्वर सूर्यवंशी एवं प्रयोगशाला तकनीशियन सरोजमणि बंजारे ने किया। संगोष्ठी में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण सहित बड़ी संख्या में रासेयो स्वयंसेवक व विद्यार्थिगण उपस्थित रहे।
