अब ग्रामीण खुद देख सकेंगे अपने गाँव का विकास मनरेगा में डिजिटल पारदर्शिता की पहल

अब ग्रामीण खुद देख सकेंगे अपने गाँव का विकास मनरेगा में डिजिटल पारदर्शिता की पहल

अब हर पंचायत का हिसाब हर हाथ में मनरेगा में क्यूआर कोड से बढ़ेगी पारदर्शिता

रोजगार दिवस पर ग्रामीणों को मिली क्यूआर कोड प्रणाली की जानकारी

 

 

जांजगीर-चांपा 07 अक्टूबर 2025/ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत पारदर्शिता और जनसहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले में एक नई डिजिटल पहल की शुरुआत की गई है। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में 7 अक्टूबर 2025 को आयोजित रोजगार दिवस के अवसर पर ग्रामीणों को क्यूआर कोड प्रणाली की जानकारी दी गई।
इस पहल के तहत अब ग्रामीण अपने मोबाइल फोन से पंचायत भवन या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए क्यूआर कोड को स्कैन कर पंचायत से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ तुरंत प्राप्त कर सकेंगे। इनमें पिछले तीन वर्षों के स्वीकृत कार्यों की सूची, व्यय राशि, प्रगतिरत कार्य, जॉब कार्डधारियों की संख्या और कुल सृजित मानव दिवस जैसी जानकारी शामिल है। यह नवाचार कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे के मार्गदर्शन में शुरू किया गया है। जिले की सभी पंचायतों में पंचायत भवन सहित प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर क्यूआर कोड चस्पा कर दिए गए हैं। ग्रामीणों को भविष्य के विकास कार्यों की दिशा, परिसंपत्तियों के निर्माण में उनकी सहभागिता, पौधारोपण, जल संरक्षण, कृषि आधारित परिसंपत्तियों और जॉब कार्ड से जुड़ी जानकारी भी दी गई। विगत दिवस कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे द्वारा हेडसपुर में निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत भवन में पहुंच कर मनरेगा के क्यूआर कोड को अपने मोबाइल से स्कैन कर सभी जानकारी को मौके पर ही देखा गया था।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत जांजगीर-चांपा श्री गोकुल रावटे ने बताया कि सभी जनपद पंचायतों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे रोजगार दिवस एवं ग्राम सभा के अवसर पर क्यूआर कोड प्रणाली की व्यापक जानकारी ग्रामीणों तक पहुँचाएँ और जनजागरूकता अभियान चलाएँ। उन्होंने कहा कि यह पहल ग्रामीणों को योजनाओं की निगरानी में सक्रिय भागीदारी का अवसर देती है। अब कोई भी ग्रामीण जान सकेगा कि उसके गाँव में विकास कार्यों पर कितना और कहाँ खर्च हुआ है। इससे योजनाओं के प्रति जनता का भरोसा और मजबूत होगा। ग्राम पंचायत स्तर पर तकनीक के इस उपयोग से ग्रामीण समाज को एक नई शक्ति मिलेगी क्योंकि अब हर विकास कार्य का हिसाब हर नागरिक की नज़रों के सामने होगा।

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