बारदा में पहुंच बस्तर की समृद्धशाली संस्कृति से परिचित हुए प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी

बारदा में पहुंच बस्तर की समृद्धशाली संस्कृति से परिचित हुए प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी

 

 

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में फाउंडेशन कोर्स के दौरान आईएएस आईपीएस आईएफएस एवं अन्य केन्द्रीय सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों का जिला कांकेर के आकांक्षी ब्लाक में फील्ड रिसर्च प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षु आईएएस आईपीएस आईएफएस अधिकारीयों की एक विशेष टीम ग्राम बारदा पहुंची। बारदा के महिलाओं द्वारा अपने आदिम संस्कृति अनुरूप टीम का अतिथि सत्कार के लिए पीढ़ा में अतिथियों को खड़े कर पैंर धुलाई कर आरती उतार कर पीले चावल और पुष्प से टीका लगाकर स्वागत किया गया। तत्पश्चात टीम के स्थानीय जानकारों के साथ बस्तर के मनोरंजक हाट बारदा में मुर्गा लड़ाई दिखाया गया। बस्तर की इस विलक्षण संस्कृति को देखते ही निरीक्षण टीम के सदस्य भाव विभोर हो गए। तत्पश्चात गायता, सेवादार, पटेल, सरपंच एवं शिक्षकों ग्रामीणों से चर्चा करते हुए गांव के देवगुड़ी में आंगा देव मारदेव बाबा, राजकुंवर बाबा, जिमीदारिन माता की सेवा विनती कर उसके बारे में जानकारी चाही गई। उन देवी देवताओं के आस्था एवं विभिन्न तीज त्यौहार में सभी समुदाय के लोग किस प्रकार एक साथ मिलकर आदिम संस्कृति के अनुसार एकजूट रहते हैं इस पर स्थानीय साहित्यकार एवं राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक डॉ कृष्णपाल राणा द्वारा लोक पर्व, देव संस्कार, परंपराओं, रीति रिवाज के साथ प्रकृति का संरक्षण करते हुए परंपरा का विज्ञान और प्रकृति का संबंध की गहराई को विस्तार से जानकारी दी गई। बस्तर की समृद्धशाली संस्कृति से परिचित हो कर निरीक्षण टीम प्रभावित हुए। निरीक्षण टीम इसके पश्चात श्याम सिंह कोवाची के घर पहुंच कर जड़ी बूटियों से हड्डियां जोड़ने की प्रक्रिया को देखे जहां एक मरीज को उनके ही सामने उपचार किया गया। चर्चा के दौरान श्याम सिंह कोवाची द्वारा बताया गया कि पिछले 6 पिढ़ी से निशुल्क उपचार हमारे परिवार द्वारा किया जा रहा है। निरीक्षण टीम को बस्तर बियर के नाम से जाना जाने वाला सुर पेड़ से प्राप्त होने वाली सल्फी और उसे उतारने तैयार करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। स्थानीय साहित्यकारों के द्वारा लिखित पुस्तक दामेसाय बघेल द्वारा लिखित पुस्तक हल्बा जनजाति के वाचिक परंपराएं और डॉ कृष्णपाल राणा द्वारा लिखित पुस्तक हल्बा जनजाति एवं उनकी लोक संस्कृति भेंट किया गया। ग्रामीण अपने सामने अधिकारियों को पाकर काफी उत्साहित थे। इस अवसर पर प्रशिक्षु आईएएस अफसरों के साथ जनपद पंचायत सीईओ उदय प्रकाश नाग, नीति आयोग के अंकित राज, डॉ कृष्णपाल राणा, सरपंच, तिलक समरथ, रोहेन देहारी, मिथलेश देहारी भूषण नाग, रामनाथ देहारी, दशमती राणा, बिमला समरथ, शिवजन समरथ, हमेश समरथ, नारायन कोरटिया, दामेसाय बघेल, एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!