बिलासपुर में निकाला गया विशाल मौन जुलूस, अजमेर शरीफ के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खिलाफ याचिका दायर करने के विरोध में राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम पर जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन…
बिलासपुर। अजमेर शरीफ के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खिलाफ याचिका दायर करने के विरोध में आज शहर में आशिकाने गरीब नवाज कमेटी के द्वारा विशाल मौन जुलूस निकाला गया तथा महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौपा गया। आज मौन जुलूस में काफी संख्या में सभी धर्म के लोग शामिल हुए।
ज्ञापन में कहा गया है कि अजमेर शरीफ ख्वाजा की दरगाह के खिलाफ जो याचिका दायर की गई है उसे वापस लेने के लिए राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री से अपील की गई है। आशिकाने गरीब नवाज बिलासपुर के सदस्यों ने महामहिम राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा है कि हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती जिनकी मजार शरीफ लगभग 813 वर्षों से स्थापित है ।
जहां पर हिंदुस्तान विदेश से भी सभी धर्म के लोग अपनी आस्था प्रकट करने आते हैं और देश के अलावा विदेशों से भी सरकारी प्रतिनिधि चादर चढ़ाकर अपनी अकीदत पेश करते हैं ।
देश के ऐसे महान सूफी संत की दरगाह के खिलाफ दुर्भावनावश न्यायालय में याचिका दायर करने के विरोध में सभी धर्म के अकीदत मदों में आक्रोश व्याप्त है। फल स्वरुप यह मौन जुलूस निकालकर, जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। आज दोपहर भीमराव,अंबेडकर की प्रतिमा मां के सामने संविधान की का अनुसरण करते हुए मौन जुलूस प्रारंभ हुआ।
जुलूस में प्रमुख रूप से यंग मोहम्मडन क्लब के सरपरस्त खालिद खान शकील खान शाकिर इराकी हाजी खालिद नवाज गोल्डी अब्दुल वाहिद शहजादा मनिहार आसिफ खान ज़िया खान कुणाल रामटेके श्याम मूरत कौशिक छोटे भाई इस्माइल खान दुलारे निजामुद्दीन अजहर खान शिबली खान सहित हजारों की तादात में लोग शामिल हुए।