एक शिक्षक अपने जीवन का लंबा समय स्कूल में देता है, इसलिए जरूरी है कि वह रुचि के साथ बच्चो को पढ़ाए – कलेक्टर
जिले में स्कूली शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने और शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय मानक तक पहुंचाने के लिए एजुकेशन कॉन्क्लेव का किया गया आयोजन
जांजगीर चांपा 28 मई 2023/ कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में स्कूली शिक्षण को बेहतर बनाने और जांजगीर-चांपा जिले को शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय मानक तक पहुंचाने के उद्देश्य से जिला पंचायत सभागार में एजुकेशन कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया । इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा की एक शिक्षक अपने जीवन का काफी लंबा समय स्कूल में देता है, इसलिए जरूरी है कि वह रुचि के साथ बच्चो को पढ़ाए।
जिला के वार्षिक अकादमिक योजना निर्माण के संदर्भ में किए गए एजुकेशन कॉन्क्लेव में प्रत्येक विकासखंड ने अपनी वार्षिक अकादमिक योजना के प्रस्तुति के साथ ही साथ सत्र 2022-23 में क्रियान्वित कुछ प्रभावी कामों का भी प्रदर्शन किया । इस एजुकेशन कॉन्क्लेव में कलेक्टर ऋचा प्रकाश ने कहा कि प्रत्येक बच्चों को कक्षा के लिए निर्धारित दक्षताओं को हासिल करवाने के लिए शिक्षकों को अपने सिखाने के तरीकों में अपेक्षित बदलाव लाना होगा । स्वयं अध्यन में आईसीटी (इनफार्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नॉलजी) का बहुत बड़ा भूमिका हो सकता है। ग्रामीण परिवेश के बच्चों के संदर्भ में और अवधारणों को पुख्ता करने के लिए शिक्षकों द्वारा अपनाए गए शिक्षण प्रक्रिया में अपेक्षित बदलाव लाना बहुत जरूरी है ।उ न्होंने कहा की रुचि के साथ अगर किसी काम को किया जाता है तो वह हमेशा बेहतर परिणाम लेकर आता है । उन्होंने कहा की अधिकांश शिक्षक पुरानी शिक्षण पद्धति के तहत सीधे अक्षरों को सिखाते हुए भाषा शिक्षण की शुरुआत करते हैं और बहुत कम ही शिक्षक बच्चों के अनुभवों को जोड़ते हुए भाषा, गणित एवं पर्यावरण सीखते सिखाते हैं, जिसकी संख्या अभी भी बहुत सीमित है । समझ आधारित शिक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक शिक्षक को एससीईआरटी द्वारा निर्मित एवं समग्र शिक्षा की तरफ से वितरित पाठ्य पुस्तकों का विश्लेषण करने के साथ-साथ पाठ्य पुस्तकों में सुझाए गए प्रक्रियाओं को बच्चों की संदर्भ से जोड़ते हुए कार्य करना होगा । उन्होंने प्राथमिक कक्षाओं में छोटे-छोटे समूह में गोल आकृति में बैठा कर एक दूसरे से सीखने का अवसर जरूर प्रदान करने कहा । उन्होंने कहा की स्कूल के बेहतर संचालन एवं बच्चों के नियमित उपस्थिती सुनिश्चित करने के लिए एसएमसी की मदद से सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनको शिक्षण प्रक्रिया में भी शामिल करना होगा ।
इस कॉन्क्लेव में विकासखंड द्वारा बनाए गए प्रत्येक कार्यक्रम की योजना को प्लान गैलरी के रूप में भी प्रदर्शित किया गया । प्रत्येक स्टॉल में शिक्षक एवं बच्चों द्वारा बनाए गए शिक्षण अधिगम सामाग्री के अलावा विभाग द्वारा वितरित संसाधनों का भी प्रदर्शनी किया गया जिसका इस्तेमाल योजाना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सार्थक हो सकता है । इस प्रदर्शनी में समर कैंप, 100 दिन 100 कहानियां, राष्ट्रीय शिक्षा नीति(2020) के साथ-साथ भारतीय शिक्षा नीति का इतिहास, कबाड़ से जुगाड़, आंगनबाड़ी, खंड विकास की योजना, एफएलन, लर्निंग लॉस की भरपाई, अंगना म शिक्षा आदि को शामिल किया गया था । तदुपरांत जिला शिक्षा अधिकारी एच आर सोम ने कार्यक्रम का संदर्भ और विकासखंड वार्षिक योजना निर्माण के महत्व पर बात करते हुए, जांजगीर की वर्तमान शैक्षणिक स्थिति और असर रिपोर्ट के विश्लेषण को सबसे साझा किया । इसके साथ ही उन्होंने बुनियादी शिक्षा को मजबूत किए जाने के लिए शिक्षकों को विशेष ध्यान देने , समर कैंप में बच्चों के प्रदर्शन और स्वतंत्र लेखन के मद्देनजर उसे और निखारने की बात रखी। इसके बाद जिला मिशन समन्वयक आर के तिवारी ने असर रिपोर्ट को पुनः रेखांकित करते हुए शिक्षा के मूल उद्देश्यों और शिक्षकों, अधिकारियों के दायित्वों के विषय में चर्चा किए । साथ ही पूरे दिन के कार्यक्रम की रूपरेखा रखी।
इसके बाद जिले के विभिन्न विकासखंड द्वारा बनाए गए योजनाओं को प्रस्तुत किया गया। जिसमें पामगढ़ ब्लॉक के बीईओ बीआरसी ने 100 दिन 100 कहानी, नवागढ़ से बीईओ विजय कुमार लहरे सहित अन्य ने संकुल बैठक, बम्हनीडीह बीआरसी हिरेन्द्र कुमार बेहार सहित अन्य ने मेरी स्कूल डायरी और शाला प्रबंधन समिति का सुदृढ़ीकरण, बलौदा से बीआरसी अर्जुन सिंह क्षत्रिय सहित अन्य ने विकासखंड योजना निर्माण की प्रक्रिया और एफेलेन, अकलतरा ब्लॉक से बीआरसी शैलेंद्र बैस सहित अन्य ने विकासखंड की वार्षिक अकादमिक योजना पर अपनी जानकारी प्रस्तुत किया । सबसे अंत में एपीसी पेडागोजी हरीराम जैसवाल ने प्रथम तिमाही में किए जाने वाले मुख्य कार्यक्रमों पर अपनी बात राखी ।
जांजगीर-चांपा जिले में अगले तीन महीने का विशेष ध्यान शाल प्रवेश उत्सव, एससीईआरटी के निर्देशानुसार 100% शिक्षकों को एफ़एलएन एवं लर्निंग रिकवरी को ध्यान में रखते हुए वार्षिक शिक्षण योजना बनाने हेतु तीन दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला, वार्षिक शिक्षण योजना के अनुसार मासिक पाठ्य योजना बनाने हेतु जरूरत आधारित विषयवार मासिक संकुल बैठक के बारे में चर्चा की गई । इन तमाम प्रयासों की मानीटरिंग हेतु संकुल समन्वयक एवं संकुल प्राचार्य का मासिक समीक्षा बैठक भी नियमित रूप से किया जाने के निर्देश दिए गए ।
इस अवसर पर नवागढ़ से बीईओ विजय कुमार लहरे, बीआरसी ऋषिकांता राठौर पीएलसी सदस्य शालिनी शर्मा, शारदा राठौर, पामगढ़ से बीईओ जगदीश कुमार शास्त्री, बीआरसी दुष्यंत भर्तुहरी, अकलतरा से बीईओ सी के धृतलहरे, बीआरसी शैलेन्द्र सिंह बैस, बलोदा से बीईओ श्याम रतन सिंह खांडे, बीआरसी अर्जुन सिंह क्षत्री, बम्हनीडीह से बीईओ मेहन्द्रधर दीवान, बीआरसी, हिरेन्द्र बेहार, शिक्षक गुलजार बारेठ, शरद चतुर्वेदी, धर्मदत्त मणिकपुरी प्रत्येक विकासखंड से आमंत्रित एक-एक एबीईओ, जिले में चल रहे विभिन्न योजनाओं के नोडल अधिकारी, जिले के कुछ शिक्षक और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सदस्य उपस्थित थे ।