ग्राम खोखरा स्थित डबरी तालाब को पाटकर कराया जा रहा दुकान एवं मकान निर्माण,जिला प्रशासन के स्थगन एवं बेदखली आदेश के बावजूद भू-माफियाओं की मनमानी जारी

ग्राम खोखरा स्थित डबरी तालाब को पाटकर कराया जा रहा दुकान एवं मकान निर्माण,जिला प्रशासन के स्थगन एवं बेदखली आदेश के बावजूद भू-माफियाओं की मनमानी जारी

 


जांजगीर-चांपा। सर्वोच्च न्यायालय ने भूमिगत जल संसाधनों को सुरक्षित रखने के सख्त आदेश दे रखे हैं, इसके बावजूद, जिला मुख्यालय जांजगीर के समीपस्थ ग्राम पंचायत खोखरा स्थित डबरी तालाब को पाटकर अवैध तरीके से दुकान एवं मकान निर्माण कराने का क्रम लगातार जारी है। यहां गांव के ही कुछ लोग उक्त अवैध कृत्य को अंजाम दे रहे हैं, जबकि, पूर्व में हुई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने स्थगन एवं बेदखली आदेश दे रखा है, मगर, इसका कोई असर भू-माफियाओं पर नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में गांव के कुछ जागरूक लोगों ने पुनः जिला प्रशासन के अफसरों से लिखित शिकायत करते हुए भू-माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ग्राम पंचायत खोखरा के लोगों ने कलेक्टर को प्रेषित शिकायत पत्र में कहा है कि ग्राम खोखरा स्थित तथाकथित बहरूपिया पत्रकार पवन चतुर्वेदी एवं उसके पुत्र अभिषेक चतुर्वेदी द्वारा ग्राम खोखरा के प्रायमरी स्कूल के पास के टूलेन सड़क से लगे हुए डबरी तालाब को साड़ी का पर्दा लगाकर मिट्टी एवं मुरूम से पाट कर दुकान एवं मकान का निर्माण कराने के उद्देश्य से अवैध कब्जा किया गया है, जिससे बरसाती पानी की निस्तारी नहीं हो रही है। शिकायत में आगे कहा गया है कि डबरी तालाब से गांव का पानी डोंगिया तालाब जाने के लिए टूलेन सड़क में शासन ने भूमिगत पुलिया लगाया था किन्तु, अवैध कब्जा होने से गांव के बरसाती पानी का निस्तार बंद हो गया है, जिससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शिकायत में आगे यह भी कहा गया है कि बहरूपिया पत्रकार पवन चतुर्वेदी एवं उसके पुत्र ने डबरी तालाब से टूलेन सड़क किनारे शासकीय भूमि में अवैध कब्जा कर मकान एवं दुकान का निर्माण किया है, जिसे किराए में देकर अवैध कमाई की जा रही है। इन लोगों द्वारा वर्तमान में सड़क किनारे स्थित शासकीय भूमि में अवैध कब्जा कर उसमें दुकान एवं मकान का निर्माण कराकर बेचने का काम किया जा रहा है, जिस पर तत्काल रोक लगाना जरूरी है। ग्रामीणों ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि पूर्व में भी बहुरूपिया पत्रकार पवन चतुर्वेदी एवं उसके पुत्र के खिलाफ जिला प्रशासन से शिकायत की गई थी, किन्तु किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद हैं और इनके द्वारा बेखौफ होकर ग्राम खोखरा की शासकीय भूमि में लगातार अवैध कब्जा कर खरीदी-बिक्री का कार्य किया जा रहा है।
तालाब की भूमि व हैंडपंप पर किया कब्जा
ग्रामीणों ने अपनी शिकायत में कहा है कि पूर्व में जिले के तत्कालीन कलेक्टर एस भारतीदासन से बहुरूपिया पत्रकार पवन चतुर्वेदी के अवैध बेजा-कब्जा की भूमि पर निर्मित मकान एवं दुकान के संदर्भ में शिकायत की गई थी, जिस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए उन्होंने निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए बेदखली की कार्रवाई के आदेश दिए थे, जिसके बाद अवैध निर्माण को जेसीबी से तोड़कर भूमि को अतिक्रमणमुक्त किया गया था। इसी बीच कलेक्टर भारतीदासन का यहां से स्थानांतरण हो गया। ऐसे में मौके का फायदा उठाते हुए बहुरूपिया पत्रकार पवन चतुर्वेदी ने पुनः उक्त भूमि में अवैध कब्जा कर मकान एवं दुकान का निर्माण करा दिया, जिससे ग्राम की निस्तारी में बाधा पहुंच रहा है। इसके अलावा बहुरूपिया पत्रकार पवन चतुर्वेदी ने अपने मकान के समीप स्थित शासकीय हैंडपंप को अपने मकान के अंदर हड़प लिया है, जिससे मोहल्लेवासियों को पेयजल की समस्या हो रही है।
मुख्यमंत्री तक पहुंच चुकी है शिकायत
बहुरूपिया पत्रकार पवन चतुर्वेदी के कारनामों की शिकायत स्थानीय प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंच चुकी है, इसके बावजूद, उसके द्वारा ग्राम की शासकीय भूमियों पर लगातार अवैध कब्जा कर उसकी खरीदी-बिक्री का गोरखधंधा किया जा रहा है। ग्रामीणों ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि ग्राम के ठूठी शासकीय तालाब के शिव मंदिर के पास शासकीय गौचर भूमि को उसने स्वयं की बताकर एक व्यक्ति से तीस हजार रूपए एडवांस लेकर उसकी बिक्री का सौदा कर दिया था, जिसके शासकीय भूमि होने की पुष्टि होने पर क्रेता ने सौदा रद्द कर दिया। ऐसे में बहुरूपिया पत्रकार पवन चतुर्वेदी एवं उसके पुत्र ने उस भूमि को ग्राम के ही मोना पिता साधराम राठौर से एक लाख रूपए में बेच दिया। उक्त भूमि पर मोना राठौर ने जब गोदाम का निर्माण प्रारंभ करवाया, तब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और मामले की शिकायत प्रशासन से की, जिस पर संज्ञान लेते हुए तहसीलदार ने उक्त कार्य पर रोक लगा दिया और अवैध निर्माण को तोड़ने के निर्देश दिए थे, परन्तु बहरूपिया पत्रकार पवन चतुर्वेदी ने पत्रकारिता का रौब दिखाकर अवैध निर्माण को तोड़ने से बचा लिया। इसके बाद प्रशासन ने भी इस मसले पर कोई ध्यान नहीं दिया है।

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