



जांजगीर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय प्रीति पालीवाल ने 60 वर्षीय वृद्ध महिला के साथ मारपीट कर गंभीर चोट पहुंचाने के आरोपीगण पति पत्नी को सुनाई 06-06 माह कारावास एवं अर्थदंड की सजा
जांजगीर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय सुश्री प्रीति पालीवाल ने 60 वर्षीय वृद्ध महिला के साथ मारपीट कर गंभीर चोट पहुंचाने के आरोपीगण पति पत्नी प्रेमचंद श्रीवास पिता भोजराम एवं पूर्णिमा श्रीवास पति प्रेमचंद श्रीवास निवासी पीथमपुर थाना जांजगीर को सुनाई 06-06 माह कारावास एवं अर्थदंड की सजा।
घटना दिनांक 03 मार्च 2025 रात्रि के करीब 08.30 बजे प्रार्थी प्रकाश चंद श्रीवास के ग्राम पीथमपुर स्थित घर के पास की है घटना समय आहिता का पुत्र प्रार्थी प्रकाशचंद दिशा मैदान से होकर घर तरफ आया तो देखा कि घर के पास उसके भाई एवं भाभी आरोपी पुर्णिमा और प्रेमचंद मिलकर उसकी मां गंगोत्री बाई श्रीवास आयु 60 वर्ष को नाली के पानी को बंद करने की बात को लेकर अश्लील गाली गलौच कर रहे थे और आरोपिया पूर्णिमा गंगोत्री बाई के साथ हाथ मुक्का से मारपीट कर रही थी मारपीट के कारण जब गंगोत्री बाई जमीन में गिर गई तब आरोपिया पूर्णिमा गंगोत्री बाई को जान से मारने की धमकी देते हुए आहिता गंगोत्री बाई के पैर को पकड कर पूरी तरह मरोड दी तब प्रार्थी प्रकाश चंद द्वारा बीच बचाव करने पर आरोपी पूर्णिमा का पति आरोपी प्रेमचंद प्रार्थी प्रकाश चंद के साथ हाथ मुक्का से मारपीट करने लगा तब मोहल्ले के रामचंद श्रीवास,फोनटीन तथा अन्य लोग आये तथा बीच बचाव किये।
घटना में आहिता गंगोत्री बाई के साथ की गई मारपीट से उसके कमर,पैर में तथा प्रार्थी प्रकाशचंद के उंगली,चेहरा में चोट लगा है, गंगोत्री बाई की चोट गंभीर प्रकृति की होने से उसे प्रार्थी द्वारा चांपा प्राईवेट अस्पताल ले जाया गया जहां से उपचार पश्चात प्रार्थी थाना जांजगीर में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराया जहां दोनों आरोपीगण के विरुद्ध नवीन कानून भारतीय न्याय संहिता की धारा 296, 351(2), 115(2), 117(2), 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना बाद अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया।
न्यायालय में साक्षियों के परीक्षण प्रतिपरीक्षण बाद माननीय न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय जांजगीर सुश्री प्रीति पालीवाल ने दोनों आरोपीगण प्रेमचंद श्रीवास एवं पूर्णिमा श्रीवास को धारा 296,115(2), 117(2), 3(5) बीएनएस का दोषी पाते हुए धारा 296 एवं 115(2),बीएनएस में अर्थदंड एवं धारा 117(2) बीएनएस के तहत 06-06 माह कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई साथ ही अर्थदंड की राशि अदा न करने पर पृथक से कारावास का आदेश दिया ।
मामले में शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती पूजा एस. अग्रवाल द्वारा अभियोजन संचालन किया गया।