



गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर और चैतन्य विज्ञान एवं कला (स्वशासी) महाविद्यालय, पामगढ़ के मध्य हुआ एमओयू
पामगढ़ 4 अक्टूबर 2025,
शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नवाचार एवं सहयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (जीजीवी), बिलासपुर तथा चैतन्य विज्ञान एवं कला (स्वशासी) महाविद्यालय, पामगढ़ जिला- जांजगीर-चांपा के मध्य एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य उच्च शिक्षा, शोध, कौशल विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई दिशा प्रदान करना है।
कार्यक्रम में जीजीवी के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल, कुलसचिव प्रो. ए. एस. रांदिवे, प्रो. नीलांबरी दवे, चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वी. के. गुप्ता, वरिष्ठ प्राध्यापक श्रीमती शुभदा जोगलेकर, श्री विवेक जोगलेकर एवं डॉ. अशोक सिंह यादव उपस्थित रहे।अतिथियों के पारंपरिक स्वागत और सम्मान के बाद समझौता ज्ञापन संबंधित दस्तावेजों पर दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर एवं दस्तावेजों के आदान–प्रदान के पश्चात कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने विचार व्यक्त करते हुए चैतन्य महाविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय में संचालित इंटर्नशिप कार्यक्रम, 64 से अधिक समृद्धि पाठ्यक्रम तथा समाज के कमजोर वर्गों से आने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु सुदामा योजना जैसी छात्र कल्याण संबंधित महत्वपूर्ण योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चैतन्य महाविद्यालय पामगढ़ के विद्यार्थी इन कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ उठाते हुए सामाजिक परिवर्तन का एक माध्यम बनेंगे। उन्होंने आगे कहा यह एमओयू दोनों उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को विविध क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव दिलाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह समझौता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बहुविषयी शोध और कौशल विकास के नए द्वार खोलेगा। चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वी.के. गुप्ता ने एमओयू को ऐतिहासिक बताते हुए कहा यह समझौता केवल एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा है।जो विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को शोध, नवाचार और ज्ञान के नए अवसर उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष श्री वीरेंद्र तिवारी के शिक्षा के प्रति समर्पण एवं विद्यार्थियों तक इस विशेष प्रयास को पहुंचाने संकल्प को अनिवार्य मानते हुए इस दिशा में प्रयास किया है। यह समझौता हमारे महाविद्यालय को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में प्रेरक सिद्ध होगा। जीजीवी के कुलसचिव प्रो. ए.एस. रनदिवे ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने संबद्ध एवं सहभागी संस्थानों को निरंतर सहयोग प्रदान करता रहा है, जिससे उच्च शिक्षा के लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुँच सकें। इस साझेदारी से यह सुनिश्चित होगा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुँचे। आभार प्रदर्शन वरिष्ठ प्राध्यापक श्री विवेक जोगलेकर द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने प्रो. आलोक कुशवाहा की सक्रिय सहभागिता हेतु विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मंच संचालन चैतन्य महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ शैली ओझा द्वारा किया। चैतन्य महाविद्यालय की ओर से एमओयू संबंधी दस्तावेज तैयार करने में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ आशोक सिंह यादव एवं वानिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक आकाश आकाश कश्यप की विशेष भूमिका रही। कार्यक्रम में दोनों संस्थानों के प्राध्यापकगण एवं अधिकारीगण गरिमामय उपस्थिति में इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।
संस्थान के संचालक वीरेंद्र तिवारी ने एमओयू को आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि से जोड़ते हुए कहा कि यह समझौता मात्र एक औपचारिक पहल नहीं, बल्कि शिक्षा और समाज के बीच सेतु निर्माण का सशक्त माध्यम है। यह दो उच्च शिक्षण संस्थानों के सहयोग और समन्वय को उस दिशा में ले जाएगा, जहाँ ज्ञान केवल पुस्तकों तक सीमित न रहकर सामाजिक विकास, नवाचार और आत्मनिर्भरता की ठोस आधारशिला बनेगा। यह एमओयू निश्चित ही शिक्षा जगत में एक नए युग और उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत है।