यूनिफार्म सिविल कोड मुस्लिम व ईसाई नहीं बल्किआरक्षण विरोधी : वामन मेश्राम

यूनिफार्म सिविल कोड मुस्लिम व ईसाई नहीं बल्किआरक्षण विरोधी : वामन मेश्राम

यूसीसी को लेकर राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद करेगी 7 अगस्त को भारत बंद

 

रायपुर। भारत मुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने देवेंद्र नगर सुतिथ डॉ बाबा साहेब अंबेडकर सांस्कृतिक भवन में पार्टी व अनुसांगिक संगठनों के पदाधिकारियों के प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए। छत्तीसगढ़ के एक दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचे मेश्राम के अध्यक्षता में 2 जुलाई को आयोजित कार्यक्रम में बामसेफ, राष्ट्रीय मूल निवासी संघ, बहुजन क्रांति मोर्चा तथा भारत मुक्ति मोर्चा सहित प्रदेश के सभी जिलों से आए अनुसांगिक संघटनाओं के कार्यकर्ताओं को आगामी 20 अगस्त 2023 को रायपुर में होने जा रहे बामसेफ के 18 वें राज्य अधिवेशन की तैयारी के संबंध में दिशा निदेर्श दिए गए।

भारत मुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने पत्रकारों से चर्चा के करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के पास 9 सालों के कार्यकाल में कोई भी ऐसी उपलब्धि नहीं है जिसको लेकर आगामी लोकसभा चुनाव में जनता के बीच जाएं और चुनाव जीत सकें। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा चुनाव से पहले यूसीसी मुद्दा उछालकर हिंदू-मुसलिम का ध्रुवीकरण करके सत्ता हासिल करना चाहती है। जनता के सवालों से बचने के लिए मोदी सरकार यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) का बिल लेकर आयी है। यह बिल पास हो इसकी कोई गारंटी नहीं है, इसके लिए राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत भी चाहिए जो भाजपा के पास नहीं है। यूसीसी को लेकर भारत मुक्ति मोर्चा अपने सहयोगी संगठन राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के साथ आगामी 7 अगस्त को भारत बंद करने जा रहे हैं। मेश्राम ने कहा कि भाजपा राममंदिर के मुद्दे पर दो बार चुनावी फसल काट चुकी है अब यह मुद्दा नहीं चलने वाली है। इसलिए भाजपा यूसीसी का मुद्दा उठा रहा है।

आदिवासियों का डिलिस्टिंग का मामला ईसाई बनने वाले आदिवासियों से जुड़ा हुआ है जो कि आदिवासियों को आदिवासियों से ही लड़ाने की साजिश है। आदिवासी बीजेपी के साथ नहीं है। यूनिफार्म सिविल कोड समान नागरिक संहिता पर आधारित है। यह लागू होने के बाद बीजेपी एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के आरक्षण को खत्म करने की योजना है। यूसीसी पूरी तरह से आरक्षण विरोधी कानून है।

यूनिफार्म सिविल कोड यूसीसी को लेकर मेश्राम ने कहा कि यह पूरी तरह घातक है। आरएसएस व बीजेपी के लोग कहते हैं कि यह मुिस्लम या ईसाई विरोधी है। जबकि यह एससी, एसटी व ओबीसी विरोधी है। हमें आरक्षण हिंदू होने से नहीं मिलता बल्कि एससी व एसटी होने से संविधान प्रदत्त अधिकारों से आरक्षण मिलता है।

मेश्राम ने कहा कि लोगों को वैचारिक रुप से जागृत करने का कार्य कर रहे हैं। पाख्ंड व देवी देवताओं का मुद्दा मुख्य नहीं है बल्कि एससी,एसटी व ओबीसी समुदाय से जुड़े मुद्दे सहित जातिवाद, वर्ण व्यवस्था, अस्पृस्ता, महिलाओं की समस्या, शुद्रत्व की समस्या ही मौलिक समस्या है। इसका उपचार संगठित शक्ति निर्माण कर संविधान प्रदत्त अधिकारों को हासिल करना है। जिससे बहुजन समाज में संवैधानिक शक्ति सृजित होगी। इसके लिए हमारे संगठन को 6 लाख गांवों का संगठन टाइम बाँड कार्यक्रम के तहत वर्ष 2030 तक का संकल्प निर्धारित कर लोगों को जागरण करने का कार्य कर रहे हैं। संगठित शक्ति जितनी जल्दी एक होगी उतनी ही जल्दी हमारे आंदोलन सफल होंगे।

ओबीसी की जाति आधारित जनगणना राष्ट्रीय मुद्दा है। इसके लिए देशव्यापी जागरण करने का आंदोलन किया जाएगा। ओबीसी की जनगणना के मुद्दे को लेकर भारत बंद करेंगे।

कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टी हमारे लोगों पर अत्याचार करने वाले हैं। 8 अक्टूबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि ईवीएम में पार्दिशतापूर्ण चुनाव नहीं हो सकते। ईवीएम मशीन को तीन जजों का पेनल उनके डिजाईन को अप्रुवल करे तब ईवीएम से चुनाव मान्य होगा।

मेश्राम ने छत्तीसगढ़ में आगामी विधान सभा चुनाव 2023 में अपनी पार्टी को चुनावी मैदान में उतारने को लेकर कहा कि उनकी पार्टी के प्रदेश ईकाई से राय मश्विरा लेने के बाद पार्टी चुनावी घोषणा पत्र तैयार कर जनता के बीच जाएगी। चुनाव में छत्तीसगढ़ से जुड़े स्थानीय मुद्दे प्रमुख रुप से होंगे। छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य होने के बावजूद यहां पर संविधान की पांचवी और छटवी अनुसूची को लागू नहीं किए जाने के मुद्दे पर भारत मुक्ति मोर्चा आंदोलन चलाएगी।

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